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Radium Kaise Banta Hai

Radium kaise banta hai?
रैडियम प्राकृतिक रूप से यूरेनियम और थोरियम के रेडियोएक्टिव क्षय से बनता है। प्रयोगशालाओं में इसे पिचब्लेंड जैसे खनिजों से निकाला जाता है। इसमें खनन, पिसाई, रासायनिक प्रक्रिया, शुद्धिकरण और अंत में रैडियम को Radium Chloride या Radium Bromide में बदलने जैसे चरण शामिल होते हैं।
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रैडियम क्या है?
रैडियम एक बेहद दुर्लभ और चमकदार धातु है जो रेडियोएक्टिव होती है। इसकी सबसे अनोखी बात यह है कि यह अंधेरे में हल्की-सी हरी-नीली रोशनी छोड़ती है और लगातार ऊर्जा का उत्सर्जन करती रहती है।
1898 में मैरी क्यूरी और पियरे क्यूरी ने इसकी खोज की थी। इसका नाम Radius (अर्थ: किरण) से लिया गया है, क्योंकि यह लगातार किरणों का उत्सर्जन करता है।

जब पहली बार रैडियम सामने आया, तो वैज्ञानिक इसे एक चमत्कारी धातु मानने लगे — लेकिन आगे चलकर इसके खतरनाक प्रभाव भी सामने आए।

Radium Kaise Banta Hai?
प्राकृतिक तौर पर रैडियम, यूरेनियम और थोरियम जैसे रेडियोएक्टिव तत्वों के धीरे-धीरे टूटने (Radioactive Decay) से बनता है। यह प्रक्रिया लाखों सालों में पूरी होती है।
वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं में रैडियम को खनिजों से निकालने की प्रक्रिया इस तरह होती है:

  1. खनन (Mining)
    रैडियम ज्यादातर Pitchblende या Uraninite जैसे खनिजों में पाया जाता है। इन खनिजों को गहरी खदानों से मशीनों और मज़दूरों की मदद से निकाला जाता है।
  2. पिसाई (Crushing)
    खनन से मिले पत्थरों को बड़े-बड़े टुकड़ों से बारीक पाउडर में बदला जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि धातु को बाकी सामग्री से आसानी से अलग किया जा सके।
  3. रासायनिक प्रसंस्करण (Chemical Processing)
    इस पाउडर को विशेष रासायनिक घोलों में मिलाया जाता है। इससे यूरेनियम, थोरियम और अन्य धातुएँ अलग हो जाती हैं और केवल रैडियम के लवण (Radium Salts) बचते हैं।
  4. शुद्धिकरण (Purification)
    बचे हुए लवणों को कई बार साफ किया जाता है, ताकि उनमें मौजूद कोई भी अशुद्धि निकल जाए और पूरी तरह शुद्ध रैडियम प्राप्त हो सके।

5. कंपाउंड तैयार करना (Radium Compound)
जब रैडियम पूरी तरह शुद्ध हो जाता है, तो इसे सीधे वैसे ही नहीं रखा जाता। इसकी सुरक्षा और स्थिरता बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक इसे खास यौगिकों में बदल देते हैं, जैसे Radium Chloride या Radium Bromide। ये यौगिक न केवल ज़्यादा टिकाऊ होते हैं, बल्कि हल्की सी चमक भी छोड़ते हैं, जो रैडियम की सबसे खास पहचान है

रैडियम की खोज की प्रेरणादायक कहानी
मैरी क्यूरी और पियरे क्यूरी ने हजारों किलो Pitchblende खनिज से सिर्फ कुछ मिलीग्राम रैडियम निकाला। इस काम में कई साल लग गए और वे लगातार रेडिएशन के संपर्क में रहे, जिसकी वजह से उनकी सेहत पर गंभीर असर पड़ा।
यह कहानी हमें बताती है कि बड़ी खोजों के पीछे कितनी मेहनत और बलिदान की ज़रूरत होती है।

रैडियम का इस्तेमाल (Uses of Radium)
पुराने समय में रैडियम का इस्तेमाल कई कामों में किया जाता था, जैसे:

चमकदार पेंट और डायल बनाने में – घड़ियों, कंपास और मशीनों के डायल पर।

वैज्ञानिक शोध में – रेडियोएक्टिविटी और नाभिकीय ऊर्जा के अध्ययन में।

कैंसर के इलाज (Radiotherapy) – शुरुआती समय में कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए।

औद्योगिक रेडियोग्राफी – मशीनों के अंदरूनी हिस्सों की जाँच करने के लिए।

रैडियम के फायदे
लगातार ऊर्जा और रोशनी देता है।

विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्र में अहम योगदान।

शुरुआती दौर में कैंसर जैसे गंभीर रोगों के इलाज में मददगार।

रैडियम के नुकसान और खतरे
लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से कैंसर, हड्डियों की बीमारी और अन्य गंभीर रोग हो सकते हैं।

रेडिएशन मिट्टी और पानी को प्रदूषित कर सकता है।

बिना सुरक्षा के इसे छूना या पास रहना जानलेवा हो सकता है।

नोट: यही कारण है कि आज रैडियम का उपयोग केवल विशेषज्ञों द्वारा नियंत्रित माहौल में ही किया जाता है।

रैडियम से जुड़ी रोचक बातें
पानी में घुलने पर यह हल्की हरी-नीली चमक छोड़ता है।

मैरी क्यूरी रात में भी लैब में बिना बिजली के काम कर पाती थीं, क्योंकि रैडियम खुद रोशनी करता था।

थोड़ी सी मात्रा भी दूर तक रेडिएशन फैला सकती है।

FAQ – Radium kaise banta hai blog
Q1. रैडियम किसने खोजा था?
1898 में मैरी क्यूरी और पियरे क्यूरी ने रैडियम की खोज की थी।

Q2. Radium kaise banta hai?
यह प्राकृतिक रूप से यूरेनियम और थोरियम के टूटने से बनता है और प्रयोगशालाओं में खनिजों से अलग किया जाता है।

Q3. रैडियम का मुख्य उपयोग क्या है?
पुराने समय में घड़ियों, कैंसर के इलाज और वैज्ञानिक शोध में किया जाता था।

Q4. रैडियम खतरनाक क्यों है?
इसके रेडिएशन से कैंसर, हड्डियों की बीमारी और मृत्यु तक हो सकती है।

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