लाल किला किसने बनवाया था और क्यों? जानिए एक रोचक इतिहास
हम सभी ने बचपन से लाल किले के बारे में पढ़ा और सुना है। स्कूल की किताबों में, आज़ादी के किस्सों में, या हर 15 अगस्त को जब टीवी पर लाल किले से तिरंगा फहराया जाता है — तब ये सवाल जरूर मन में आता है कि लाल किला आखिर किसने बनवाया था और क्यों?
चलिए, आज इस सवाल का जवाब एकदम आसान और दिलचस्प अंदाज़ में जानते हैं।
सबसे पहले — लाल किला किसने बनवाया था?
लाल किले को बनवाया था मुगल सम्राट शाहजहाँ ने।
जी हां, वही शाहजहाँ जिन्होंने दुनिया का अजूबा ताजमहल भी बनवाया था।

शाहजहाँ ने लाल किले का निर्माण 1638 ईस्वी में शुरू करवाया और इसे पूरा होने में करीब 10 साल लगे। जब किला बनकर तैयार हुआ, तो उसे “क़िला-ए-मुबारक” कहा गया। आज हम इसे प्यार से लाल किला कहते हैं।

लेकिन उन्होंने लाल किला बनवाया क्यों?
अब बात करते हैं असली वजह की — आखिर शाहजहाँ को लाल किला बनवाने की ज़रूरत क्यों पड़ी?
नई राजधानी बनानी थी
शाहजहाँ ने तय किया कि अब राजधानी आगरा से दिल्ली शिफ्ट करनी है। और एक नई राजधानी बसाई गई — शाहजहानाबाद। इसके केंद्र में बना ये भव्य किला, जो राजा का घर भी था और सत्ता का केंद्र भी सुरक्षा की ज़रूरत थी
किला यमुना नदी के किनारे बनाया गया ताकि बाहरी आक्रमणों से बचाव हो सके। उस ज़माने में दुश्मनों से बचने के लिए ऊँची दीवारों वाले किले बेहद ज़रूरी होते थे।
शाही ठाठ दिखाने के लिए
शाहजहाँ अपने साम्राज्य की ताकत और रुतबा दिखाना चाहता था। इसलिए लाल किला न सिर्फ मज़बूत बनाया गया, बल्कि उसमें खूबसूरती, कला और आराम का भी भरपूर ख्याल रखा गया।

लाल किला “लाल” क्यों कहलाता है?
अब ये सवाल भी उठता है — नाम लाल किला क्यों पड़ा? blog
क्योंकि यह किला लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है। इसकी ऊँची दीवारें और बड़े-बड़े गेट सब लाल रंग के हैं। इसीलिए इसे लाल किला (Red Fort) कहा जाता है।
लाल किले के अंदर क्या-क्या है?
लाल किला सिर्फ एक दीवारों वाला किला नहीं है। इसके अंदर इतने सुंदर महल, गलियारे और हॉल हैं कि कोई भी देखकर दंग रह जाए।
- दीवान-ए-आम – यहाँ राजा आम जनता से मिलता था।
- दीवान-ए-खास – यह खास मेहमानों और मंत्रियों की बैठक के लिए था।
- रंग महल – यह महिलाओं के लिए बना शाही महल था, बहुत सुंदर सजाया गया था।
- मोती मस्जिद – यह बाद में औरंगज़ेब ने बनवाई थी, सफेद संगमरमर से बनी एक प्यारी मस्जिद।

लाल किला और आज़ादी का रिश्ता
लाल किला सिर्फ एक ऐतिहासिक इमारत नहीं है, यह हमारे देश की आजादी की पहचान भी है।
जब 15 अगस्त 1947 को भारत आज़ाद हुआ, तो आज तक हर साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री लाल किले से देश को संबोधित करते हैं।
दुनिया में पहचान
लाल किला आज सिर्फ भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में मशहूर है। इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल का दर्जा भी मिला हुआ है।
पर्यटक यहां हर साल हजारों की संख्या में आते हैं। किले के अंदर होने वाला लाइट एंड साउंड शो भी बहुत लोकप्रिय है, जिसमें इतिहास को नाटकीय अंदाज़ में दिखाया जाता है।
कुछ रोचक बातें लाल किले के बारे में
- लाल किले का असली नाम था: क़िला-ए-मुबारक
- इसका डिज़ाइन ताजमहल के वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी ने तैयार किया था
- इसकी दीवारें करीब 2.5 किलोमीटर लंबी और 33 मीटर ऊँची हैं
- एक समय में इसमें सोने-चांदी की सजावट इतनी थी कि इसे “सपनों का किला” कहा जाता था
निष्कर्ष: लाल किला क्यों खास है?
अब जब आपने जाना कि लाल किला किसने बनवाया था और क्यों, तो ये भी समझ आया होगा कि यह सिर्फ ईंट और पत्थरों का ढांचा नहीं है। यह हमारी संस्कृति, इतिहास, और आज़ादी का प्रतीक है।
शाहजहाँ ने इसे भले ही अपनी शाही ज़रूरतों के लिए बनवाया हो, लेकिन आज यह हम सब भारतवासियों का गौरव बन चुका है।
आपका क्या विचार है?
क्या आप कभी लाल किले गए हैं? वहां का कौन सा हिस्सा आपको सबसे ज्यादा पसंद आया?
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