World Leaders Forum 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी ने भारत की वैश्विक पहचान को नई ऊँचाई दी। जानें कैसे मोदी ने शांति, डिजिटल इंडिया और सहयोग का संदेश देकर दुनिया का ध्यान खींचा।

दुनिया आज ऐसे समय से गुज़र रही है, जब हर देश नई चुनौतियों से जूझ रहा है। कभी महामारी, कभी युद्ध, कभी पर्यावरण संकट—हर तरफ़ सवाल ही सवाल हैं। ऐसे हालात में एक बात साफ़ है—बिना संवाद और सहयोग के कोई भी देश आगे नहीं बढ़ सकता।
“इसी भावना के साथ आयोजित हुआ World Leaders Forum, जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति ने इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया।”
मोदी की मौजूदगी क्यों ख़ास रही?

भारत हमेशा से “वसुधैव कुटुंबकम्” यानी पूरी दुनिया एक परिवार है की सोच पर चलता आया है। प्रधानमंत्री मोदी ने मंच से यही भाव दुनिया के सामने रखा।
लेकिन फर्क यह था कि इस बार भारत सिर्फ एक “सुनने वाला देश” नहीं था। बल्कि भारत को दिशा दिखाने वाले राष्ट्र के तौर पर सुना गया।
उनके भाषण में वो आत्मविश्वास साफ़ नज़र आ रहा था, जो तभी आता है जब किसी देश ने हाल के वर्षों में चंद्रयान-3 जैसी ऐतिहासिक सफलताएँ और G20 Summit जैसी उपलब्धियाँ हासिल की हों।
मोदी का मुख्य संदेशblog

प्रधानमंत्री मोदी ने मंच से कुछ ऐसे मुद्दे उठाए जो न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए अहम हैं:
शांति और स्थिरता – बिना शांति किसी देश का विकास संभव नहीं।
पर्यावरण और जलवायु – हरित ऊर्जा और सौर ऊर्जा की दिशा में भारत की पहल अब दुनिया के लिए मॉडल बन सकती है।
तकनीक और डिजिटल इंडिया – मोदी ने बताया कि कैसे डिजिटल इंडिया ने करोड़ों लोगों की ज़िंदगी आसान बनाई है।
वैश्विक सहयोग – 21वीं सदी साझेदारी की सदी है, कोई भी देश अकेले समस्याओं से नहीं लड़ सकता।
भारत की नई पहचान
कुछ साल पहले तक अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को अक्सर डेवलपिंग कंट्री के रूप में देखा जाता था। लेकिन आज तस्वीर अलग है।
“भारत अब दुनिया की सबसे तेज़ी से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हो चुका है।”
स्टार्टअप्स, डिजिटल मॉडल और स्पेस मिशन ने भारत की छवि को नई ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया है।
“भारत अब सिर्फ सुनने वाला देश नहीं रहा, बल्कि वैश्विक एजेंडा तय करने वाला राष्ट्र बन चुका है।”
आलोचनाएँ भी आईं सामने

जहाँ समर्थक इसे भारत की बड़ी उपलब्धि मानते हैं, वहीं आलोचक कहते हैं कि मंचों पर भाषण देना जितना ज़रूरी है, उतना ही महत्वपूर्ण है घरेलू मुद्दों को सुलझाना—जैसे बेरोज़गारी, शिक्षा और स्वास्थ्य।
यह बहस ही भारत की असली ताक़त है—लोकतंत्र की आवाज़।
आगे का रास्ता
World Leaders Forum से निकलने वाला सबसे बड़ा संदेश यही है कि भारत अब दुनिया का सिर्फ हिस्सा नहीं है, बल्कि दुनिया को दिशा देने वाला साझेदार बन चुका है।
प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी ने ये साबित कर दिया कि भारत की आवाज़ अब नज़रअंदाज़ नहीं की जा सकती।
यह सिर्फ भारत के प्रधानमंत्री का मंच पर खड़ा होना नहीं था, बल्कि 125 करोड़ भारतीयों की उम्मीदों और सपनों का प्रतिनिधित्व था।