हर सुबह जब आंखें खुलती हैं और बाहर से आती हल्की-सी रोशनी चेहरे पर पड़ती है — तो दिल कहता है, “चलो, फिर से जीना शुरू करते हैं।” हम इंसान हैं, गलतियां करते हैं, थक जाते हैं, टूट भी जाते हैं… लेकिन सुबह हमें फिर से उठने की हिम्मत देती है। हर सुबह, एक खाली पन्ने की तरह होती है — उस पर क्या लिखना है, ये पूरी तरह हमारे हाथ में होता है

कल चाहे जैसा भी रहा हो… कभी-कभी रात को सोते वक्त दिल बहुत भारी होता है। कुछ अधूरे ख्वाब, कुछ अनकहे जज़्बात, और कुछ अफ़सोस साथ होते हैं। लेकिन सुबह आते ही लगता है जैसे सब कुछ फिर से शुरू हो सकता है। सुबह का मतलब सिर्फ सूरज उगना नहीं है — ये एक और मौका है, खुद को बेहतर बनाने का। छोटी शु
रुआतें, बड़ा असर हम सोचते हैं कि हमें बहुत बड़ा कुछ करना है — लेकिन सच्चाई ये है कि छोटी-छोटी बातें ही असली बदलाव लाती हैं। सुबह जल्दी उठ जाना 5 मिनट ध्यान लगाना किसी को मुस्कुरा कर देखना खुद से एक पॉजिटिव वादा करना इन छोटी बातों से ही ज़िंदगी बदलती है।
में हम अपने आप से ही दूर हो जाते हैं। लेकिन सुबह वो वक़्त होता है, जब सब शांत होता है… और हम अपने दिल की आवाज़ सुन सकते हैं। “मैं क्या चाहता हूं?” “किसके लिए जी रहा हूं?” “क्या आज मैं खुश हूं?” ये सवाल हम खुद से सुबह पूछ सकते हैं — और जवाब भी खुद से ही पा सकते हैं।

खुद से कहो — ये मेरी शुरुआत है! हर सुबह एक नया दरवाज़ा खोलती है। चाहे कल कितना भी मुश्किल रहा हो, आज कुछ अलग किया जा सकता है। बस खुद से एक बार प्यार से कहना है: “आज का दिन मेरा है। मैं पीछे नहीं देखूंगा। मैं आगे बढ़ूंगा। और ये मेरी नई शुरुआत होगी।”
अंत में… अगर आप ये पढ़ रहे हैं, तो यकीन मानिए — आप अभी भी समय से आगे हैं। हर सुबह की तरह, आप भी एक नई रोशनी हैं। बस खुद पर भरोसा रखें और चल पड़ें। क्योंकि जब तक सूरज उगता है, तब तक उम्मीद जिंदा है। हर सुबह… एक नई शुरुआत है। इस लेख को अपने दिल से महसूस करें, और अगर पसंद आए तो दूसरों तक भी पहुंचाएं — क्या पता, किसी की सुबह बदल जाए। blog