जानें कि इंसान पर बिजली क्यों गिरती है, इसके मुख्य कारण और बचाव के उपाय। तूफान, बारिश और बिजली गिरने की सुरक्षा की पूरी जानकारी पढ़ें subahtime.com पर।

हमारे देश में गर्मियों और मानसून के मौसम में अक्सर बिजली गिरने की घटनाएँ देखने को मिलती हैं। कभी-कभी यह इतनी खतरनाक होती है कि इंसानों की जान को भी जोखिम में डाल देती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इंसान पर बिजली क्यों गिरती है? इसे समझना न सिर्फ रोचक है, बल्कि हमारी सुरक्षा के लिए भी जरूरी है। आइए इसे सरल और आसान भाषा में समझते हैं।
- बिजली गिरने का विज्ञान
बिजली, जिसे हम लाइटनिंग कहते हैं, एक प्राकृतिक विद्युत प्रक्रिया है। यह बादलों में जमा हुए इलेक्ट्रॉन्स और प्रोटॉन्स के असंतुलन से उत्पन्न होती है। जब यह असंतुलन बहुत बढ़ जाता है, तो यह जमीन की ओर एक तेज़ विद्युत प्रवाह के रूप में गिरती है।
सरल शब्दों में कहें तो, बिजली हमेशा सबसे आसान और सुरक्षित मार्ग की तलाश करती है। खुला इंसान अक्सर उस मार्ग का हिस्सा बन जाता है और इसी कारण बिजली उस पर गिर सकती है।
- इंसान पर बिजली गिरने के मुख्य कारण
(a) ऊँचाई और खुला स्थान
इंसान पर बिजली गिरने का सबसे बड़ा कारण है खुले में ऊँचा होना।
खुले मैदान में खड़ा इंसान आसमान की ओर सबसे “ऊँचा बिंदु” बन जाता है।
यदि उसके आस-पास कोई ऊँची वस्तु नहीं है, तो बिजली सीधे उस इंसान की तरफ आकर्षित हो सकती है।
(b) धातु और चालक वस्तुएँ
धातु जैसे छड़ी, छाता, स्टील के उपकरण या मोबाइल फोन बिजली के लिए संचालक का काम करते हैं।
बारिश में धातु पकड़े रहना या किसी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का उपयोग करना बेहद खतरनाक हो सकता है।
(c) पानी और नमी
बिजली को पानी और नमी बहुत पसंद है।
यदि आप बारिश में भीगते हैं या किसी नाले, तालाब या गीली जमीन के पास खड़े हैं, तो बिजली आपके शरीर से होकर जमीन तक पहुँच सकती है।
(d) तूफानी बादल और विद्युत असंतुलन
बिजली अक्सर गर्मी, बारिश और तूफानी बादलों के दौरान गिरती है।
बादलों में जमा विद्युत चार्ज का असंतुलन इंसान को आकर्षित कर सकता है।
- बिजली गिरने के प्रभाव
बिजली गिरने पर इंसान को कई प्रकार के नुकसान पहुँच सकते हैं:
दिल और मस्तिष्क पर असर – तेज करंट से दिल की धड़कन असामान्य हो सकती है और मस्तिष्क प्रभावित हो सकता है।
जलन और चोटें – शरीर में करंट गुजरने से त्वचा जल सकती है और अंगों को चोट पहुँच सकती है।
सभी अंगों पर प्रभाव – बिजली शरीर के कई अंगों से होकर गुजरती है, जिससे मांसपेशियों और तंत्रिकाओं में गंभीर नुकसान हो सकता है।
अचानक मृत्यु – बहुत अधिक करंट होने पर तुरंत मौत भी संभव है।
लेकिन सही इलाज और समय पर सुरक्षा अपनाने से कई बार जान बचाई जा सकती है।
- बिजली गिरने से बचाव के उपाय
(a) खुले स्थान में सावधानी
तूफान या बारिश में खुले मैदान में न खड़े हों।
ऊँचे पेड़, बिजली के खंभे या टॉवर के पास से दूरी बनाएँ।
(b) धातु से दूरी
बारिश में धातु की वस्तुएँ जैसे छाता, स्टील की छड़ी या मोबाइल फोन हाथ में न लें।
बिजली के उपकरणों का उपयोग सुरक्षित स्थान पर ही करें।
(c) सुरक्षित आश्रय
तूफान में घर, कार या किसी मजबूत इमारत के अंदर रहना सबसे सुरक्षित है।
कार का धातु ढांचा इंसान को करंट से सुरक्षित रख सकता है।
(d) जमीन पर बैठना
यदि कोई सुरक्षित जगह न हो, तो घुटनों के बल झुककर जमीन पर बैठ जाएँ और शरीर को कम फैलाएँ।
यह बिजली के प्रभाव को कम करता है और करंट के सीधे गुजरने के रास्ते को रोकता है।
- विज्ञान और प्रकृति का अद्भुत खेल
बिजली सिर्फ खतरे का संकेत नहीं है। यह प्रकृति की ऊर्जा का अद्भुत रूप है।
बिजली से ऊर्जा पैदा करने के नए तरीके और पर्यावरण के अनुकूल समाधान मिलते हैं।
यह प्रकृति में कितनी विशाल ऊर्जा छुपी हुई है, इसका संकेत देती है।
लेकिन यही ऊर्जा इंसानों के लिए खतरनाक भी हो सकती है। इसलिए, सावधानी और जानकारी ही हमारी सुरक्षा की कुंजी है।
- निष्कर्ष
तो अगली बार जब तूफान, गरज या बारिश हो, तो याद रखिए कि इंसान पर बिजली क्यों गिरती है – यह ऊँचाई, धातु, नमी और बादलों में विद्युत असंतुलन का परिणाम है।
सावधानी, सही जानकारी और सुरक्षित जगह पर रहकर हम इस प्राकृतिक खतरे से अपने आप को बचा सकते हैं। बिजली के प्रति समझ और सतर्कता ही जीवन को सुरक्षित और उजागर रखती है।